आरटीओ के अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी भ्रष्टाचार का केस
पूर्वांचल के 16 जिलों में ओवरलोड ट्रकों की एंट्री करा कर काली कमाई करने वालों में आरटीओ के अधिकारियों और कर्मचारियों की गर्दन भी बुरी तरह से फंस गई है। एसटीएफ ने आरटीओ के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी एफआईआर में मुल्जिम बनाया है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अमानत में खयानत की धारा में एफआईआर हुई है।
एसटीएफ ने फर्द में अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम और कारनामों का विस्तार से जिक्र किया है पर पुलिस ने अभियुक्तों के कालम में इनके नाम का जिक्र न करके अभी इन्हें अज्ञात की सूची में ही रखा है। सबूतों के आधार पर अभियुक्तों के नाम प्रकाश को ले आने की जिम्मेदारी विवेचक के जिम्मे छोड़ दिया गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक विवेचना के दौरान एक-एक कर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों का नाम अभियुक्तों की सूची में बढाती जाएगी।
पूर्वांचल में ओवरलोड ट्रकों को पास कराने के नाम पर करोड़ों की काली कमाई करने के खेल का शुक्रवार को एसटीएफ ने खुलासा करते हुए बेलीपार के मधुबन होटल मालिक धर्मपाल सिंह, यहीं के सिब्बू सिंह ढाबा के मालिक मनीष सिंह उर्फ सिब्बू और उनके चार साथियों को मधुबन होटल से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके खिलाफ बेलीपार थाने में एफआईआर कराई है।
ये लोग बनाए गए हैं अभियुक्त
एसटीएफ की एफआईआर के आधार पर बेलीपार पुलिस ने धर्मपाल सिंह, मनीष सिंह उर्फ सिब्बू सिंह, विवेक सिंह उर्फ सिंकू सिंह,रामसजन पासवान,श्रवण कुमार गौड़,शैलेष मल्ल, श्रवणदीप, जयचंद भारती को नामजद तथा आरटीओ विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों नामपता अज्ञात के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में केस किया है। इनमें 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा 409 अमानत में खयानत की एफआईआर आरटीओ के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ही लगाई गई है।
नामजद अभियुक्तों में श्रवणदीप और जयचंद फरार
एसटीएफ ने जिन अभियुक्तों के नामजद किया है उनमें दो श्रवणदीप और जयचंद फरार हैं। यह दोनों रात के समय धर्मपाल के लिए वसूली और रजिस्ट्रर पर गाड़ियों की एंट्री करते थे। जयचंद के बारे बताया जा रहा है कि एक महीने पहले वह कहीं और चला गया है। इन दोनों कर्मचारियों की अब पुलिस तलाश कर उनकी गिरफ्तारी दिखाएगी