साहब! हम वैध आवंटी हैं, हर महीने देते हैं किराया
रीड साहब धर्मशाला में रहने वाले परिवारों के लोगों ने जिला प्रशासन को प्रार्थना पत्र लिखा है और कहा है कि वे लोग वैध आवंटी हैं। हर माह किराया चुकता करते हैं।
सत्येंद्र कुमार शुक्ल, नरसिंह बहादुर चंद, शैलेंद्र श्रीवास्तव, रामनिवास दुबे, जयप्रकाश पांडेय, मिथिलेश पांडेय, विजय बहादुर श्रीवास्तव, माया गुप्ता, मधु श्रीवास्तव, माधुरी देवी आदि ने जिला प्रशासन को भेजे गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि वर्ष 1947 से रीड साहब धर्मशाला में उनके परिवारीजन रहते आ रहे हैं। यहां के लोगों को जिला प्रशासन और जिम्मेदार विभागों द्वारा सुविधाएं भी मिलती आ रही है। बिजली, पानी, सिवरेज और सड़क की सुविधा नगर मुहैया होता आ रहा है।
उनका कहना है कि हाल के कुछ दिनों से बार-बार अधिकारी आ रहे हैँ और यह धमकी देकर जा रहे हैं कि वे लोग यह स्थान खाली कर दें। वे लोग लगातार किराया जमा करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि वे लोग न तो नगर निगम की जमीन पर रह रहे हैं और नजूल की। यह ट्रस्ट है जहां अंग्रेजों के जमाने से ही उनके परिवारीजन रह रहे हैं।